ऐ. के. बाजपेयी ब्लॉग में आपका स्वागत है | पिछले दशक में युवाओं के साथ बहुत बड़े बड़े सामाजिक परिवर्तन हुए ,और इस समय लगभग ५ लाख युवाओं ने आत्महत्याएं की जो समाज के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है|युवा तो किसी समाज संस्कृति और सभ्यता कि नींव होता है ,उसमे अपरमित शक्ति होती है ,वह तूफानों को मोड़ने कि शक्ति रखता है और उसे ऐसा ही होना चाहिए |मैं एक शिक्षक हूँ मेरी पाठशाला मेरे अपने ही है ,यदि समय की द्रुत गति की ऋणात्मकता और हताशा से मैं उन्हें उबार कर नव जीवन देपाया तो शायद मैं भी आपके साथ सफल हो सकूँ |केवल रोज़ पढ़ें |यही आपका हल है|