मन (विचार ),सफलता और शांति
मन (विचार ),सफलता और शांति Mind (thought), success and peace प्राचीर का राजा अनंत सेन बड़....
मन (विचार ),सफलता और शांति Mind (thought), success and peace प्राचीर का राजा अनंत सेन बड़....
सफलता समय-धैर्य और सकारात्मकता की खेती है(success is cultivation of time-patience and positiveness ) राजा शूरसमर एक प्रतापी राजा था अपने पूरे जीवन काल में हजारों युद्ध जीत कर अपने आपको कई बार साबित कर चुका था वह , रानियां पुत्र पौत्र और भरा पूरा परिवार था उसके पास बस राजा की....
आत्म बोध जीवन का अन्तिम लक्ष्य है (The ultimate goal of life is self-realization) हजारों वर्ष की साधना के बाद एक साधु महाराज को सारे देवताओं ने सबसे बड़ा मान लिया और यही कहा कि आप सबसे बड़े है और आपका वैभव , सम्मान और तपश्चर्यया तक कोई पहुंचा ही नही आज तक , ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति आप ....
प्रशांत बहुत बड़ा वैज्ञानिक था अन्वेषण खोज और मानवीय सेवा के लिए कृत संकल्पित , वेतन बहुत ज्यादा नहीं था, बस पत्नी और पुत्री का काम चल जाता था , पत्नी भी पास के स्कूल में शिक्षिका थी, बच्चे उसके ही विद्यालय में पढ़ते थे , पैतृक घर से भी आवश्यक सहयोग समय समय पर मिलता रहत....
सुकेत नालंदा का सबसे योग्य विद्यार्थी था पठन -पठान में उसे कोई मात नहीं दे पाया था , गुरुओं ने उसकी बुद्धि का लोहा कई बार माना था ,दर्शन ,सेवा , संस्कारों और परीक्षा में उसे अव्वल आना ही होता था , अच्छे , सम्भ्रान्त परिवार का इकलौता पुत्र था हमारा सुकेत , बस एक ही बड़ी कमी उसने अपने पापा से सीख ली थी , असंतोष और स्वयं को कोसते&n....
सत्यघटना अडिग स्कूल के समय सी ही काफी प्रबुद्ध विचार शील और मेधावी रहा था , पिता एक स्कूल में हेड मास्टर थे और घर का सम्पूर्ण वातावरण सयुक्त हिन्दूपरिवार जैसा ही था, एक दुसरे के दुःख में खड़े दिखाई देते थे सब ,अडिग बचपन से ही साहित्य कार रहा, स्कूल के समय में जब उसके साथी स्टेडियम में हॉकी खेल रहे होते थे तब वह कवित....
वीर सेन और उनकी पत्नी कसबे की हवेली में ही निवास करते थे बाप दादों की जायदाद ने खूब वैमनस्यता बढ़ा दी थी तीनों भाइयो में ,सबने अपने अपने हिसाब से लूटा था संपत्ति को मगर जब भी जिक्र चलता तो एक दूसरे की बखिया उधेड़ने में कोई कोर कसर नहीं रखी जाती थी , पति पत्नी दोनों आज भी राजा साहब रानी साहब कहलाना पसंद करते थे वो बात और है कि अब न राज्य थे न....
एक संत जी लाखों की भीड़ के सामने जोर जोर से ईश्वर की परिभाषा बता रहे थे अबोध जनता हतप्रभ सी सब सुन रही थी उनके भजन गीत और ईश्वर के प्रति जो भाव थे वे बड़े निराले और अजीब तरह के थे कभी यह बताने की भरसक कोशिश कररहे थे कि में दुनिया में आज तक जितने संत हुए वो उनसब में सर्वश्रेष्ठ है योग, तंत्र, मंत्र ,ज्ञान और भक्ति में उनसे बड़ा&nbs....
हजारों वर्ष की साधना के बाद एक साधु महाराज को सारे देवताओं ने सबसे बड़ा मान लिया और यही कहा कि आप सबसे बड़े है और आपका वैभव , सम्मान और तपश्चर्यया तक कोई पहुंचा ही नही आज तक , ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति आप ही है ,साधु महाराज स्वयं में इतने गौरवान्वित हुए की उन्हें सारी दुनिया तुच्छ जान पड़ने लगी , अहंकार और घोर घमं....
देवानी आंध्रा के एक प्रतिष्ठित मंदिर के प्रमुख पुजारी की संतान थी धर्म , कर्म , आचरण , और सुबह शाम सत्य और आदर्शों में बंधें जीवन का सशक्त चलचित्र था उसका जीवन , भगवान बालाजी का श्रृंगार सेवा और हर व्यक्ति से उसके मधुर सम्बन्ध ने उसे पूरे क्षेत्र में ख्याति लब्ध बना दिया था , बहुत दूर दूर तक लोग यही कहते थे संस्कृति सभ्यता,और संस्कार इन लो....