गायत्री मंत्र की महिमा
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ....
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ....
पूर्ण क्षेत्र का राजा विश्वजीत बड़ा ही पराक्रमी और दिलेर माना जाता था सारे इलाके में उसके शौर्य की चर्चा होती रहती थी ,राजा ने अपने सारे शत्रुओं पर विजय हासिल करली थी , सारे राज्य में सुख शान्ति थी और सभी लोग खुश थे एक दिन रात्रि में अचानक यद्ध के नगाड़ों की आवाज आने लगी राजा ने गुप्तचरों को चारों दिशाओं में हाल जानने भेजा गुप्त ....
सुबह होने को ही थी माँ के कमरे से जोर जोर से झाड़ू की आवाज आरही थी बीच बीच में बड़बड़ाती जा रही थी सुबह हो गया कोई नही उठा पूरा काम मेरे जिम्मे है ,किसी की कोई जिम्मेवारी नहीं है , पूरा घर कूड़ा बना पड़ा है कोई साफ तो करदे जरा , गुप्ता के घर की सारी बहुएं सुबह से उठ कर कैसा काम संभालती है सारा मोहल्ला जानता है--- ये बात और है कि गुप्ता के घर की....
एक ५ वर्ष का बच्चा छत पर अपनी माँ से लड़ रहा था माँ उसके पीछे भाग रही थी और वह जिद कररहा था कि मै छत से कूदूंगा टीवी में स्पाइडर मेन कैसे कूदता है छत से, कैसे करता है ,सबकी हेल्प ,मालूम ही नहीं है तुम्हें ,माँ जबरदस्त परेशानी में थी, बच्चा जिद पर अडा था और माँ के द्वारा पकड़ लिए जाने पर ,रो रो कर सो गया था माँ भारी मन से उस....
बहुत सारी महत्वाकांक्षाएं थी मन में और मैंने अपना निर्माण कार्य चालू कर दिया , अपने अस्तित्व बचाने और सबसे ऊंचा बताने की जिद में मैंने अपने ही अस्तित्व के चारों और खुद बड़ी बड़ी दीवारें खड़ी कर ली , और अंदर ही अंदर मजबूत सीमेंट से दीवारें बनता रहा , और थोड़ा समय बीतते ही अपनी मजबूत दीवारों में खुद फंसने लगा तो बहुत जोरो से चि....
आज चारों ओर चहल पहल थी एक बड़े मंच पर खूब सजावट थी रंग बिरंगे कपड़ों में लोग अपने अपने शिष्यों के समूह के साथ आते जा रहे थे अत्यंत महंगे सूटों , गाड़ियों और वैभव के अनंत साधनों के साथ विद्वान आते जा रहे थे और सब स्वयं को ऊँचा बताने की चेष्टा में लगे थे , कुछ अपनी लम्बी लम्बी गाड़ियों के सहारे स अपने अनुयाइयों ....
हिमालय की दुर्गम चोटी पर एक आश्रम था वहां एक गुरु ने अपने तीन शिष्यों को जीवन की सफलता के अनेक मार्ग बताये और उनका व्यवहारिक पक्ष भी बताया और कहा पुत्रों जीवन में धैर्य और विश्वास दो ही मार्ग है सफलता के जो इन का अनुशरण करता है उसे ईश्वर अवश्य सफलता देता है यहाँ यह सबसे अधिक महत्व पूर्ण है कि अपना कर्त्तव्य विश्वास और धैर्य को इतना अडिग रख....
एक राजा ने अपने एक राज पुरोहित के न्याय और सत्य से प्रभावित होकर एक बड़ा राज्य दे दिया और यह भी कहा महाराज मैंने आपसे न्याय सिद्धांत और और राजनीति सब सीखा है मैं सत्य ,न्याय और मानवीयता की भलाई के लिए अपने प्राण भी न्योछावर कर सकता हूँ ,शायद ये सब मैंने बहुत कुछ आपसे ही सीखा है राजपुरोहित अभिमान में स्वयं को सराहते रहे और सम्पूर....
समय का चक्र बहुत तेजी से चलता रहता है अतीत के परिदृश्य धीरे धीरे गुजरते रहते है कल आज और कल में बदलता जाता है बहुत कुछ था कल या बहुत कुछ नहीं था , ये तो सब दुःख का विषय ही था न , जिंदगी बार बार उस दोराहे पर खड़ा देखती है खुद को और झाँकते हुए कहती है की काश आज जैसी बुद्धि ,साधन सोच , और क्रियान्वयन होता तो हम क्या कर डालते , पता....
भारतीय धर्म में महाशिव को महांकाल कहा गया है शिव और शक्ति का प्रणय विछोह और सम्पूर्ण जगत को एक नई परिभाषा देने के लिए जो लीलाएं की गई वो आम आदमी को यह शिक्षा अवश्य देती कि अपने सम्पूर्ण क्रोध और दुःख को ऐसे महा शक्ति बना डालिये कि जिससे सम्पूर्ण संसार आपके सामने नत मस्तक हो जाए । शिव और शक्ति का विछोह का दुःख इतना प....