जीवन दर्शन

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उम्र -प्रेम और कर्त्तव्य का समन्वय

उम्र -प्रेम और कर्त्तव्य का समन्वय (coordination of age-love and duty) सोमेश ने आज ही  सौराष्ट्र के एक नगर में जिलाधीश का पद ग्रहण किया था, पत्नी और उनके तमाम घरवाले नए कलेक्टर साहब के पद ग्रहण की ख़ुशी में मग्न थे ,बड़े बड़े अफसर अपनी आमद दर्ज करा रहे थे, पिताजी का कल ही पत्र आगया था बेटा,  बुवाई चलरही है ,बादमे त....

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स्वयं की खोज और जीवन

स्वयं की खोज और जीवन(Self realization and life)  मलया गिरि  का राजा पुष्प सेन हजारों यद्धों का अजेय सम्राट सिद्ध हुआ ,परन्तु था बहुत घमंडी ,किसी के अस्तित्व को न मानने वाला ,राजा अपनी चहेती रानी को लकवा मार जाने के कारण बहुत दुखी था, सारे इलाज बे असर हो गए ,थे राजा को लग....

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सही दिशा बताने वाले लोगों का सम्मान करें

सही दिशा बताने वाले लोगों का सम्मान करें  Respect the people who gave the right direction एक बड़े पुलिस जिला मुख्यालय पर पिता कार्य करते थे ,मूल्य आदर्श और ईमानदारी उनके खून में लिपटी थी ,कभी कभी पिता  जोर से चिल्ला रहे होते थे, कि तुम्हारा मैथ्स अच्छा है ,तुम मैथ्स लेकर कम्प्यूटर के क्षेत्र में खूब स....

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सिकंदर -साधु, जीवन का महान विजयी सन्देश

सिकंदर -साधु, जीवन का  महान  विजयी सन्देश  Sikandar -Sadhu, the great victorious message of life आख़िरी समय था विश्वविजयी सिकंदर का, कुछ लम्हे बाकी थे फिर भी जीवन से गहरा असंतोष था , अनेक अधूरे स्वप्न थे बदहवासी थी और सबकुछ फिसलता चला जा रहा था , जंगल का वातावरण और हजारों सैनिकों के बीच एक साध....

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रिश्तों का चक्रव्हू

रिश्तों का चक्रव्हू labyrinth of relation आदित्य का जन्म एक संभ्रांत परिवार में हुआ था ,एक बड़ी बहिन आरती थी ,माता- पिता- बाबा और दोनो भाई- बहिन , छोटा था  सा परिवार  था ,लम्बे समय के बाद परिवार में पुत्र का जन्म हुआ था अनेक प्रकार से बधाइयां मनाई जा रहीं थी और यही बधाइयां बनकर जीवन दिखने  भी लग....

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सफलता से एक कदम पहले

सफलता से एक कदम पहले one step before success   बचपन से बाबा ने नितिन को यही समझाया था  कि  पुत्र पूरी ताकत से ब्रह्माण्ड से जो भी मांगोगे और उसके लिए खुद को क्रियान्वित करदोगे,  तो दुनिया की कोई मांग ऐसी नहीं है ,जो आप प्राप्त न करपायें ,आप जीवन के चरम लक्ष्य सफलताएं ,सहज ही प्राप्त क....

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सर्वोत्कृष्ट एवं निकृष्ट (superior and inferior )

हितेश  के जन्म पर हजारों डिब्बे मिठाई बाँट  दियेगये थे ,सारे नगर से बधाई  आने लगी थी ,सारे  घर हर्षोउल्लास से भर गया था ,गोरा चिट्टा गोल मटोल सुन्दर बच्चा हुआ था सेठ हजारी लाल के ,यह दूसरा पुत्र था उनके ,नगर सेठ  की पदवी थी उन पर और फिर इन के  परिवारों में लड़का  पैदा होने की ठसक ही बहुत थी | उसके ४ वर्ष बाद हुई....

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एक दिन सफलता तुम्हारी ही होगी

एक सत्य घटना  श्रेय का परिवार मध्यम ही था, दो बहिनें बड़ी थी शादी हो चुकी थी, तीन  भाई और थे, उनकी अपनी अपनी दुनिया थी, पिता रिटायर ,माँ घर में ही काम काज करती थी और वह बहुत आधुनिकता के साथ समाज में उन्हें उनके काम के लिए काफी सराहना मिलती थी ,कम्प्यूटर का एक  डिप्लोमा  करने के बाद  श्रेय  और पढने का अवसर ही न....

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सफलता का मूल मंत्र है स्वयं का साक्षी भाव

self witness is basic mantra of success मेरा जन्म राजिस्थान के बहुत बड़े राज घराने में हुआ था हजारों नॉकर चाकर दास -दासियाँ और बड़े बड़े राज प्रासाद थे मुझ पर ,रोज बहुत बड़े बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था , सुन्दर अति योग्य नृत्यकियॉं अपनी  अपनी कला को ऐसे जीती थी जैसे भगवान् ने उनको सीधा कला के सारे मानदंड देकर पैदा कर दिया हो....

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सफलता बनाम समय बद्ध क्रियान्वयन

राजा शिवसेन के राज्य में  सुख शांति की कोई कमी नहीं थी , पूर्वजों की बेशुमार दौलत और विद्वान प्रजा प्रिय पिता का आशीर्वाद भी प्राप्त था ,उन्होंने ही अवस्था धर्म का पालन करते हुए शिव सेन को राज्य में गद्दी पर बैठाया था, पिता हमेशा शिव सेन को कहता, पुत्र जीवन बहुत छोटा है ,जो काम करना है शीघ्रता के साथ करो, समय सबसे बहुमूल्य है और वह लौट कर न....

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