जीवन दर्शन

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व्यवहार सफलता का आईना है ,परिष्कृत करें

आदमी के जीवन में व्यवहार का विशेष महत्व होता है |जन्म से ही उसके माता पिता यह प्रयास करते है की वहएक विद्वान ,शिक्षित और विशेष दर्जे पर खड़ा होकर जीवन की सम्पूर्ण सफलताएं प्राप्त करे |उसके व्यवहार परसबसे अधिक प्रभाव जिस वातावरण का पड़ता है वह परिवार और उसके आसपास कमोवेश विद्यमान रहता हैसाथ ही थोड़ा बड़ा होने पर उसके स्कूल शिक्षकों और अपने मित्रों....

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मेरी तन्हाई

रात भर तन्हाई में गाता रहा ग़म कॉ आलम याद फ़िर आता रहा हर गया लमहा तुम्हारी याद बन बे वज़ह इस दिल को तडफाता रहा कश्तियों के डूबने कॉ शोर सा मेरे साहिल पर सदा आता रहा आशियानों में लगी थी आग क्यों सोच कर ता उम्र घबराता रहा दर्द का एहसास राही क्या बला उम्र भर पत्थर से टकराता ....

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कन्फ्यूज़न ,हताशा ,करियर ,आपके प्रश्न |

हमेशा से आदमी की यह चाहत रही है कि वह अपने बच्चों को एक ऐसी राह दे जहाँ से जीवन का पथ अधिकसुरक्षित और सुगम बनजाये |इसके लिए उसे बहुत से प्रयत्न करने पड़ते है ,बाल्य काल से ही अपनी आपूर्तियाँबच्चों से करने की उसकी कल्पनाएँ दूध मुहें बच्चों से यह सुनकर तृप्त होती रहती है कि उसे डॉक्टरइंजीनियर,कलेक्टर औरकिसी बड़े ओहदे का इंसान बनाना है |यहाँ हमारी स....

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इस शहर में हर सख्श परेशान सा क्यों है?

आज हर आदमी बहुत जल्दी में है उसे बहुत से काम पूरे करने है ,वह भाग रहा है अपनी पूरी ताक़त से उसकासबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि वह सबमे श्रेष्ठ सिद्ध कर पाए अपने आप को ,इस उधेड़ बुन में उसका सम्पूर्ण जीवनस्वाहा हो जाता है और वह अशांत अस्थिर और अधूरा ही रह जाता है| यहाँ बहुत से कारण हो सकते है उसके इसअधूरे व्यक्तित्व के जिनमे उसकी सोच उसका अति महत्वा....

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समय बहुमूल्य है ,प्रयोग सीखें

जीवन की बहु मूल्य धरोहर और ईश्वर का सबसे ख़ूबसूरत उपहार समय ही तो था जीवन में यह समय ही तो था जो सबसे गिना चुना साँसों के हिसाब से चल रहा था ,वह भी सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में एक गति से ,जिसके लिए ना तो अलग अलग टाइम वाच बनी थी न उसका कोई लोकल और स्टैण्डर्ड टाइम माप था वह हर युग और अनादी से एक रफ्तार से अनवरत चल रहा था हर युग में हर प्राणी ने अपने हिस....

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दूसरों के प्रति धनात्मक सोच रखें

हम प्रायः यह किसी के व्यवहार में आने से पहले एक आध बार के व्यवहार से ही अपनी सोच बना बैठते है की अमुक आदमी अच्छा या ख़राब है जबकि उसके आगामी व्यवहार उसके आत्मिक गुण हम देख ही नहीं पाते सामान्यतः हमे जिसकी जरूरत होती है ,या जो हमारे मन मष्तिष्क की सोच की के अनुरूप होता है ,जिसकी हम कल्पना करते रहते है ,जिसमे हमारी दबी पिसी भावनाएं जुडी रहती है ,ऐ....

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मतभेद ज्ञान का प्रतीक हैं जबकि मनभेद जलन का

जीवन में बार बार हमे अपनों के मतभेद का सामना करना पड़ता है |क्योकि वे एक अलग दृष्टी से हमे देख रहे होतेहै जबकि हम अपनी द्रष्टि से अपने लिए दूसरा मार्ग चयन कर चुके होते है |ज्ञान परिवेश और परिस्थितियों केहिसाब से जीवन का आंकलन किया जाना उचित लगता है मगर बदलते समय की सोच परिवारों की दशा औरशिक्षा का प्रभाव भी हमारे निर्णयों को प्रभावित करता है |साथ....

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क्रोध कमजोरी का परिचायक है

क्रोध कमजोरी का परिचायक है  प्राचीन से धर्म और साहित्य यह सिद्ध करते रहे है कि आदमी कॉ सबसे बड़ा शत्रु क्रोध है |दर्शन के विद्वान मानते है कि आदमी कि निरीह पन या कमजोरियां क्रोध पैदा करती है, क्योकि सर्व शक्तिमान को क्रोध आता ही नहीं है, क्योकि वह पूर्व नियोजित ढंग से सबकुछ शक्तियां अपने हाथ में ही रखता है|वैज्ञानिक मानते है कि क्रोध ....

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बदलते रिश्ते परिक्षा की घड़ी है

"जो आप पर था और जो मुझ पर नहीं था इसका कारक घमंड नहीं, ईश्वर था " आप केवल उस कुत्ते की तरह गाडी के नीचे चलते हुए भरम पाले रहे कि गाडी आप से चल रही है समय परिस्थिति और कालके अनुसार सब कुछ ही तो बदलता है तो हमारे अपने क्यों नहीं बदलते, रिश्ते परिवार अपने सब ही तो समय, उसकी प्राप्तियों और स्वतंत्रता के लिए कुछ भी करने को ....

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नारी को अबला मत कहो

अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी ____________ आँचल मैं है दूध और आंखों में पानी  या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता________ नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः नारी जीवन की आद्धा शक्ति रही है समाज संस्कृति और वैचारिक विभेद के बाद भी यह सत्य हमेशा अकाट्य रहा है कि नारी ने इतिहास के पन्नो में नए नए आयाम जोड़े ह....

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