जीवन दर्शन

post image

दोस्त बनाइये मगर सीमा और सावधानी से

दोस्तों के बारे में शायरों और कवियों ने बहुत लिखा कुछ आपके सामने है दोस्तों ने दोस्ती में ग़म दिए है इस तरह दोस्तों से दोस्ती का हक अदा होता नहीं ------ मेरे अपने मेरे होने की निशानी मांगे आइना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे ------- जीवन इन सब के बीच अपनी पहचान ढूढता रहता है ,हम जब शरीर ,मन और समाज से क....

Viewed By : 231 Persons
post image

अपनी पहचान ढूढ़ने को भटकता इंसान

आज हम जिस समाज जिस व्यवस्था में खड़े है वहा हर कोई अपनी ही पहिचान के लिए परेशान दिखाई देरहा है यहाँ कवियों और शायरों की पंक्तियाँ अधिक सशक्त दिखाती है| " इस शहर में हर शख्श परेशान सा क्यों है " "मंजिल तमाम उम्र मुझे ढूढती रही " अर्थात हम कुछ न कुछ ढूढ़ ही रहे थे जो हमारा तमाम संतोष सब्र और खुशी छीन रहा था उसक....

Viewed By : 211 Persons
post image

बुजुर्गों को संम्मान और समय दें,आपका भविष्य सुरक्षित होगा |

एक बड़ा योद्धा विश्व विजय के बाद सबको जीतने का एहम लिए एक बड़े कुँए के पास जोर जोर से चिल्ला रहा था, कह रहा था कि, है कोई वीर जो मझे चिनौती दे सके , मे एक पल मे सबको नेस्तनाबूद कर दूंगा, |दूर से आती हुई आवाज से वह क्रोध के चरम पर पहुँच गया ,उसकाशारीर काँपने लगा ,परन्तु जब वह ललकार देता था उसे आवाज निरंतर सुनाई देती थी |उसी समय कुलगुरु ने अकस्मात....

Viewed By : 212 Persons
post image

दूसरों की समस्याओं में सहायता करें ,मजाक न उडाये

समर शेष हैं नहीं का भागी केवल व्याध जो तटस्थ है समय लिखेगा उसका भी अपराध जीवन संग्राम है और यहाँ हर ,सम्बन्ध और परिस्थितियाँ आपको यही समझाती है कि मानवीय मूल्यों की रक्षा करते रहें तथा अपने आचार और विचार के बारे में सोच कर उसे परिष्कृत करते रहें |बहुधा यह देखने में आता है की यदि किसी एक व्यक्ति पर कोई बड़ी समस्या आजाती है तो हम उसक....

Viewed By : 212 Persons
post image

कोई हमारी समस्याओं को हल कर रहा है |

हम आधुनिक हो रहे थे पश्चिमी सभ्यता और विकास के नाम पर हमने दो चीजें खोई थी पहला विश्वास और दूसरा धैर्य | हम विकास की जटिलताओं में स्वयं इस तरह से उलझ गए की हम पर अपनी ही समस्याओं के हल नही थे ,जबकि हम जिनका अनुशरण कर रहे थे वे विकसित राष्ट्र हमसे अधिक विश्वास मय दिखाई दे रहे थे | वे हर समस्या के हल में अपने इष्ट के प्रति समर्पण का भाव लिए खड़े थे....

Viewed By : 230 Persons
post image

निर्णय करें मगर सावधानी से

इंसान को हर पल निर्णय करना होता है |बचपन से अंत तक उसे कुछ न कुछ तय करना होता है और उसके तय किए मार्ग पर ही उसकी जीवन की रेल चल पाती है |उसके विकास और विनाश का द्वार यही से आरम्भ हो जाता है |हर निर्णय के पीछे उसकी उपलब्धियां और भय छिपा होता है और उसे ही इस भय पर विजय प्राप्त करना होता है |आरम्भ में उसके निर्णयों को माँ पिता और उसके आस पास के लोग....

Viewed By : 229 Persons
post image

शून्य की सृष्टि विचारणीय

शून्य की सृष्टि विचारणीय के आरम्भ में कुछ भी तो नही था ,न भोतिक और न अभोतिक जीवन नही था केवल था शून्य और वही हर निर्माण का आधार भी रहा है शून्य यह बताता है कीउससे पूर्व कुछ नही है और उसके बाद सम्पूर्ण आरम्भ है वह जीवन से पहले भी विद्यमान था उसे जीवन के बाद भी रहना था और वह चिरंतन पृथ्वी के अस्तित्व से पहले भी सतत अस्तित्व मे था ब्रह्माण्ड का हर ....

Viewed By : 232 Persons
post image

अतीत को वर्तमान से जीतो भविष्य स्वर्णिम हैं

अतीत की लाशें लेकर हम चलते रहे ,समय बदलता रहा और अतीत के जुर्म के जिम्मेदार हमारे सामने से गुजरते रहे वे हमे कमजोर, कमतर और हारा हुआ देखना चाहते थे हमें और यदि ये न हुआ तो हम स्वयं अपनी चोट ,धोखे और छलावे को याद कर कर के स्वयं को कमजोर बनाते रहे |हम अपने आप से उबरना नहीं चाहते थे, और यही जीवन का ग़लत मोड़ हम सब झेल रहे थे |दुनिया में एसा कोई नही....

Viewed By : 261 Persons
post image

बदलता समय और उसका मूल्यांकन

युग मान्यताए संस्कार और समय सब ही तो बदल रहा था फिर हमारे समाज परिवार और राष्ट्र की सोच में परिवर्तन क्यो नही होता ,उन सब में भी बदलाव आया सब बदलता चला गया मूल्य आदर्श परमार्थ की भावनाए धराशाही होने लगी, घर के बच्चे बदलाव के बड़े चक्रवात में उड़ने लगे और उनके अपने उन्हें बचाने के फेर मे बार बार चोटिल होते रहे, किसी पर समय ही कहाँ था कि वे दूसरे क....

Viewed By : 286 Persons
post image

सम्बन्ध और उनका सार

सम्बन्ध और उनका सार संबंध काल से आदमी के मष्तिष्क मे यह प्रश्न उठता रहा की वह जीवन मे रिश्तो और संबंधो का एक ऐसा ताना बना बुने जिसमे सम्बन्ध अपने पूर्ण रूप में जीवन की सार्थकता दिखा सके उसके अन्तः करण पर भविष्य का भय उन्नत और सहयोगी संबंधो की छाप तथा जीवन के हर पल को सहयोग और दिशा निर्देशन की आवश्यकता दिखाई है उसे अपने उपर अविश्वास होता है उसकी ....

Viewed By : 279 Persons