महिला सशक्तिकरण
वाज्ञा का कलेक्टर के रूप में ज्वाइन करने का स्वागत कार्यक्रम था यह , आगे बैठी माँ वाज्ञा को देखते देखते सम्पूर्ण अतीतमें विस्मृत सी हो गई थी , आँखों के सामने अतीत चल चित्र की तरह घूमने लगा , पूरे गाँव से दुश्मनी लेकर जीवित रख पाई थी मालती इसको ,जन्म के दिन ही उसे सास के कहने पर दाई ने तम्बाखू मुह में रख कर डलिया से ....