जीवन दर्शन

post image

क्या जरूरी है ये पता तो चले स्वयं को आत्म केन्द्रित करें

जीवन निकलता जाता है छण  छण बीता जाता है और जीवन हर पल मन यह जानने   की कोशिश करता रहता है कि  क्या उसके लिए आवश्यक है ,वह जीवन की हर जरूरत को  किस क्रम में रखे जिससे उसे सबसे ज्यादा संतोष प्राप्त हो सके और वह निरंतर इसी क्रम प्रयास करता रहा है ।उम्र समय परिवार परिवेश और हर बदलती स्थिति परिस्थिति में उसकी प्राथमिकताएं बदल....

Viewed By : 272 Persons
post image

महिला सशक्तिकरण

महिला  सशक्तिकरण की बात आज भारत जैसे देश में  बड़ी विडम्बना का विषय है जिस राष्ट्र में माँ की सम्पूर्ण शक्ति में सारे देवताओं के शक्ति सार को तिरोहित किया गया हो, वहाँ आज हम फिर उसे अबला बना कर  सशक्त करना चाहते है शायद यह कितना  चिंतनीय विषय है ।इस सम्पूर्ण व्यवस्था में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हमारी कार्य पद्धति और सामाजिक ढ....

Viewed By : 293 Persons
post image

प्रेम

प्रेम का विराट अर्थ है उसे अपने स्वार्थी अर्थों से जोडकर  छोटा न बनाया जाए अबोध बालक का चाँद से अपनी माँ से और अपने रंग बिरंगे खिलौनों से होता नैसर्गिक प्रेम ,माँ का अपने अबोध बच्चे के कपड़ो, भोजन और हजारों चिंताओं के समूह से उलझा जीवनउसी प्रेम की एक बानगी है ।प्रकृति का ब्रह्माण्ड से और प्रत्येक जीव का अपने परिवेश से प्रेम उसी प्रेम की निशा....

Viewed By : 246 Persons
post image

महत्व समझे स्वयं का

जो भी अनिश्चित है  उसे श्रेष्ठ बनाने के लिए इंसानी प्रयास किये जातेहै  मृत्यु  निश्चित है  परन्तु उसका समय और भविष्य निश्चित नहीं है इस लिए  हम अपने समय और भविष्य को श्रेष्ठ बनाने के प्रयास में लगे रहते है और  जीवन उन्हें अमर भी कर देता है जो लोग उस अनिश्चित के लिए  अनिश्चित  व्....

Viewed By : 282 Persons
post image

जीवन के अध्याय में सॉरी नहीं होता

आदमी का स्वाभाव स्वार्थों ,लालच और अपने पराये में लिपटा रहता है  फिर वर्षों की साधना और कठोर नियंत्रण के बाद वह अपने आप को परमार्थ  सत्य और अहिंसा के मार्ग पर ला पाता  है  वहां यह प्रश्न अवश्य बना रहता है कि  हम कितना सफल हो पाए और यही निर्णय करने में जीवन बीत जाता है ....

Viewed By : 276 Persons
post image

मिलें मगर सावधानी से

संसार में अनगिनत लोग हमे मिलते है जो हमे अपने अपने अनुसार  चलता देखना चाहते है परन्तु आदमी जो अपने अनुसार रास्ते बनाते है वो ही जीवन में सफल हो पाते वो ही  इतिहास पुरुष होते है ,हम किसी से मिलकर अच्छा अनुभव करते है तो शायद धनात्मक है  जिनसे मिलकर हमे भय अपराधबोध , और जीवनकी ऋणात्मकता का अनुभव हो वो सब हमारे  जीव....

Viewed By : 286 Persons
post image

हारता सा लेवल ऑफ़ सेटिसफ़ेकशन

बहुत छोटा था  मै ढेर खिलोने थे मेरे पास जो आता था नया खिलौना जरूर लाता था और मै  बिना वक्त गंवाए नए खिलोनोसे खेलने में जुट जाता था और थोड़ी ही देर में मेरा मन उस खिलोने से भर जाता था और मन फिर एक नए खिलोने की आशा करने लगता था ।पिता जी नाराज होते हुए कहते थे इतना ढेर लगा है मगर तुम्हारा पेट नहीं भरता मन तो तुम्हारा भर ही नहीं सकता कल तुम....

Viewed By : 312 Persons
post image

स्वार्थी, प्रेक्टिकल या मोर्डन

स्वार्थी, प्रेक्टिकल या मोर्डन बड़े छोटे शब्द है परन्तु शायद आज की युवा पीढ़ी के लिए ये शब्द उनकी दबी पिसी  हीन  भावना को प्रस्तुत करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे  है । छोटे छोटे ग्रामों कस्बो और संयमित  परिवारों में अनुशाशन में पलने वाले बच्चे आधुनिक शिक्षा और गिनी चुनी डिग्रियों से शिक्षित होकर स्वयं को बेहद मोर्डन और....

Viewed By : 271 Persons
post image

स्टीव जोब्स युवा प्रेरक कर्ण का विजयी निर्वाण

हमारा युवा नायक स्टीव जोब्स एक पूँजी पति ,सामान्य इंसान या एक सी . ई . ओ. ही नहीं वरन वर्तमान युवा शक्ति के लिए एक ऐसा मान दंड है जों आज के युवा को नयी दिशा देकर उसे नए सिरे से नव निर्मित करने में सक्षम है सम्पूर्ण संसार ने इतिहास पुरुष के रूप में नेल्सन मंडेला ,गांधी ,सिकंदर , अकबर , ओर हजारों ऐसी शख्सियत देखी है जिन्हें महान कहा गया है मगर हमा....

Viewed By : 299 Persons
post image

कैसे जीतें सबको

हर आदमी जब स्वयं को श्रेष्ठ समझाने की होड़ में लगा हो ,जब परिवार ,समाज ओर राष्ट्र का हर नागरिक अपनेआपको एक अलग महत्व दे बैठा हो, वहां सबसे बड़ी समस्या यही है कि हम अपने आपको कैसे स्थापित करें,कैसेसबको यह समझाए कि हमारे मूल्य ,आदर्श सत्य ओर नैतिकताके आचरण से हम समाज ओर राष्ट्र को हमएक नई दिशा देना चाहते है |हर व्यक्ति समय ओर परिस्थिति के लिए हमे ....

Viewed By : 273 Persons