क्या जरूरी है ये पता तो चले स्वयं को आत्म केन्द्रित करें
जीवन निकलता जाता है छण छण बीता जाता है और जीवन हर पल मन यह जानने की कोशिश करता रहता है कि क्या उसके लिए आवश्यक है ,वह जीवन की हर जरूरत को किस क्रम में रखे जिससे उसे सबसे ज्यादा संतोष प्राप्त हो सके और वह निरंतर इसी क्रम प्रयास करता रहा है ।उम्र समय परिवार परिवेश और हर बदलती स्थिति परिस्थिति में उसकी प्राथमिकताएं बदल....