मिलें मगर सावधानी से

संसार में अनगिनत लोग हमे मिलते है जो हमे अपने अपने अनुसार 
चलता देखना चाहते है परन्तु आदमी जो अपने अनुसार रास्ते बनाते है वो ही जीवन में सफल हो पाते वो ही  इतिहास पुरुष होते है ,हम किसी से मिलकर अच्छा अनुभव करते है तो शायद धनात्मक है 
जिनसे मिलकर हमे भय अपराधबोध , और जीवनकी ऋणात्मकता का अनुभव हो वो सब हमारे  जीवन को स्वयं प्रश्नचिन्ह बना देंगे और जीवन व्यर्थ साबित होगा जैसे हम भीड़ बन  कर  पैदा हुए और भीड़ बनकर गुमनाम हो गए ।

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