
क्या शुभ कामनाएं करें और मांगें
जीवन में हर उत्सव एक नयी आशा संचार के साथ आते है और हम भारतीय सभ्यता के हिसाब से उन्हें पूरी तरहसे निभाते भी है | सनातन की इस परम्परा से असंख्यों मत ,विश्वास ,और आदर्श खड़े हुए है और वे अपने अपनेअनुसार आदर्शों की स्थापना में महत्वपूर्ण भी साबित हुए है |ऐसे हर मत और आदर्श को नमन करना चाहिए |
दीपोत्सव की पवित्र बेला पर मै अपने सभी जानने मानने वालों को हार्दिक शुभ कामनाएं देता हूँ
ईश्वर मेरे राष्ट्र को सम्मान ,शक्ति और मैत्री का मायने बनाये |
हमें ज्ञान प्रकाश और नव मार्ग प्रदान करे
जीवनकी हर समस्याओं से पहले वह धैर्य ,कर्तव्य और कठिन श्रम का संकल्प दे |
हर व्यक्ति हर सम्बन्ध को मै बिना किसी प्रत्याशा के प्रसन्न रख सकूँ |
अपने परिवार राष्ट्र और अपनों की सहायता के लिए मै बलिदान के चरम पर पहुच सकूँ |
भौतिक और शारिरीक आपूर्तियों के लिए भी हमें सत्य आदर्शों से न हटना पड़े
मित्रता विश्वास और सत्य हमारी पहचान बना रहे |
जीवन को किसी भी आपूर्ति के लिए अपने आदर्शों से समझौता नहीं करना पड़े |
हम किसी के भी लिए दुःख क्लेश के कारण न बन पाये |
हम समाज मित्रों और अनजाने में सहायता चाहने पर मानवीयता की सीमा तक आदर्श प्रस्तुत करें
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