धर्म

post image

बढ़ता विज्ञान और घटती सवेदनाएँ

बढ़ता विज्ञान और घटती सवेदनाएँ  Increasing science and decreasing sensitivity प्रोफेसर रंगा विज्ञान के बहुत बड़े हस्ताक्षर थे ,देश विदेशों में उनका बहुत बड़ा नाम था, कई पुस्तको  , लेखों  और कई व्याख्यानों से मूर्धन्य सस्थाओं को वे अपना लोहा  मनवा चुके थे , एक बेटा सुकेश और बेटी रीमा को भी ब....

Viewed By : 536 Persons
post image

ईश्वर सबसे महान है आपकी सफलता की शक्ति भी है

ईश्वर सबसे महान है (God is the Greatest) आपकी सफलता की शक्ति भी है​ एक संत जी लाखों की भीड़  के सामने जोर जोर से ईश्वर की परिभाषा बता रहे थे अबोध जनता हतप्रभ सी सब सुन रही थी उनके भजन गीत और ईश्वर के प्रति जो भाव थे वे बड़े निराले  और अजीब तरह के थे कभी  यह बताने की भरसक कोशिश कररहे थे कि में दुनिया में आज....

Viewed By : 422 Persons
post image

जीवन की सफलता और नैतिक मूल्य

शार्ट कट तकनीक में चलता ,  हमारा रोहित  बहुत  बड़ा ड्रामे बाज था ,स्कूल के समय से ही उसे ऐसी ऐसी  तकनीकें आती थी कि सब लोग आश्चर्य में  आजाते थे ,टीचर का  काम पूरा नहीं हुआ तो रुआंसा , उसने बताया माँ की तबियत बहुत  खराब थी, सारा काम मैंने ही किया, आपने ही कहा था , माँ बाप की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है, गुरूजी ....

Viewed By : 413 Persons
post image

ईश्वर सबसे महान है आपकी सफलता की शक्ति भी है

एक संत जी लाखों की भीड़  के सामने जोर जोर से ईश्वर की परिभाषा बता रहे थे अबोध जनता हतप्रभ सी सब सुन रही थी उनके भजन गीत और ईश्वर के प्रति जो भाव थे वे बड़े निराले  और अजीब तरह के थे कभी  यह बताने की भरसक कोशिश कररहे थे कि में दुनिया में आज तक जितने संत हुए वो उनसब में सर्वश्रेष्ठ है योग, तंत्र, मंत्र ,ज्ञान और भक्ति में उनसे बड़ा&nbs....

Viewed By : 340 Persons
post image

शांति का द्वार है भारत

एक दिव्य पुरुष तेजी से एक सुनसान  रास्ते पर चला जा रहा था रास्ता सूना था, और मार्ग कठिन भी था , एक राहगीर ने उसे देखा और सोचा मै भी इसके साथ  हो लेता हूँ  शायद भय और रास्ते के अकेले पन  से तो मुक्ति मिलेगी-यही  सोच कर उसने उस दिव्य पुरुष को प्रणाम किया और उसके साथ चल दिया ,आगे जा कर  दोनों  देखा कि एक आदमी जोर ....

Viewed By : 349 Persons
post image

भारतीय दर्शन - संतोष का स्तर

भारतीय दर्शन सम्पूर्ण विश्व में अपनी जो पहिचान रखता है उसमे  मूल भाव यही रहता है कि मनुष्य का जन्म केवल खाने ,पहनने ,बच्चे पैदा करने और शक्ति प्रदर्शन  या भयाक्रांत होकर जीने के  प्रयत्न करने में नहीं है , उसका सम्पूर्ण जीवन निश्चित उद्देश्य के लिए ही निर्धारित है और वही   उसको पूर्णता देसकता है | भगवान....

Viewed By : 281 Persons
post image

विकास, भारतीय मूल्य और संस्कार

वर्तमान में युवा मष्तिष्क में विकास उन्नति और अपना परचम  सम्पूर्ण विश्व में फहराने की आकांक्षा बनी रहती है इसीप्रकार राष्ट्रों  होड़ मची है की वे अपने  पूर्ण विकसित करने की चेष्टा कर सकें , और हर जगह एक गाला काट प्रतियोगिता सी दिखाई दे रही है , भावना  विहीन विकास जिसमे केवल स्वयं के अलावा कुछ नहीं है , और कैसे भी विकास के चरम....

Viewed By : 245 Persons
post image

भीड़ सा निर्मूल्य मत बनाओ जीवन को

कब तक महा पुरुषों के पद चिन्हों पर चलने का प्रयत्न किया जाए कब तक समय परिवर्तन और आधुनिकता के लिए  समय के साथ भागने का प्रयत्न करें ,शायद हमारी मौलिकता ख़त्म हो चुकी है हम बहुत सारी नावों पर एक साथ भागने के चक्कर में अपनी आत्मानुभूति ,आदर्शों  और हर जगह अस्थिर हो गए है शायद पुराने  मान दंड इस तरह से बदल दिए गए जिनका कोई महत्व ही न....

Viewed By : 257 Persons
post image

क्षमा क्रोध से सशक्त हथियार है

आम आदमी के स्वाभाव में जरा जरा सी बात में क्रोधित हो जाना  एक स्वाभाविक सी प्रक्रिया है  आज हम दैनिक जीवन में जिन परिस्थितियों से जूझ रहे है  वहाँ  अपने व्यक्तित्व कि कमियां ही है हम पर ,कही धन का आभाव है कहीं संसाधनों कां अभाव है कही सामाजिक राजनैतिक  या सांस्कृतिक प्रतिमानों का आभाव है कहने का अर्थ यह कि हमे आभाव है और....

Viewed By : 284 Persons