कार्य की प्राथमिकता ही महत्वपूर्ण है |
सम्पूर्ण जीवन में आदमी यही प्रयत्न करता रहता है कि वह कैसे सर्वाधिक सुखी हो सकता है उसके दैनिक जीवनके कार्य भी यहीं से निर्धारित कियेजाते है ओर यही मानदंड उसकी सम्पूर्ण ग.... और पढ़े
सम्पूर्ण जीवन में आदमी यही प्रयत्न करता रहता है कि वह कैसे सर्वाधिक सुखी हो सकता है उसके दैनिक जीवनके कार्य भी यहीं से निर्धारित कियेजाते है ओर यही मानदंड उसकी सम्पूर्ण ग.... और पढ़े
सामान्यत: हम समाज में जों व्यवहार दूसरों के साथ करते है वह ही दीर्घ काल में हमारी पहिचान सिद्ध करता है | हर इंसान की एक निश्चित पहिचान समाज द्वारा सहज ही निर्मित करदी जात.... और पढ़े
समाज परिवार ओर अपने परिवेश में हम इतने उलझ कर राह गए है कि अपने अलावा अन्य लोगों किमनोभावनाएँ हमारे लिए बेहद नगण्य साबित हो रही है |आज कि नयी पीढी इस बात ओर जुमले को सहज हीबो.... और पढ़े
हर आदमी अपनी समस्याएं खोखलापन ओर जटिलताएं लिए संघर्ष रत है ,उसे एक समस्या से छुटकारा मिलतेही दूसरी समस्या घेर लेती है ओर हर रोज का दायित्व निभाते २ उसका पूरा जीवन निकलजाता.... और पढ़े
भागती दौड़ती जिन्दगी में हर काम बहुत ज्यादा जरूरी लग रहा है ,हर आदमी जल्दी में है , मगर मन मष्तिष्कओर जीवन का संतोष इस प्रक्रिया में थोडा विश्राम ओर चिंतन चाहता है,मगर हमारा.... और पढ़े
जीवन जीने के बहुत से तरीके है अनादी काल से इंसान ने अपने अनुसार जीवन का दोहन किया ओर वह बार बारओर अधिक ओर अधिक उपयोग उपभोग से जीवन को जीतने का प्रयत्न करता रहा है , सम्राट राज.... और पढ़े
जीवन भर इंसान अपने आस पास मिथ्या भ्रम ओर बनावटी अपनत्व के आवरण में ठगा जाता रहा है उसके सामने यह प्रश्न हमेशा खड़े रहे कि वास्तव में सच क्या है मगर वह अपनी सामयिक जरूरतों ,प.... और पढ़े
दोस्तों जीवन में उपलब्धियां दो ही तरीके से प्राप्त होती है एक शोर्ट कट से दूसरा लम्बे रास्तो से, नए मान दंडों कोनिर्मित करते हुए चलता हुआ कोई अकेला आदमी ,जिसे बार बार विचार .... और पढ़े
प्रेम स्वयं समर्पण की सीमा में एक ऐसा अनुराग है जिसमे केवल अति प्रेम की परा काष्ठा पर सबकुछ लुटा देने का भाव होता है परन्तु जब इस भाव में लेन देन का भाव प्रकट होने लगत.... और पढ़े
क्ति हमेशा अपने कार्यों ओर अधिकार दायित्व के निर्वहन में लगा रहता है जीवन की प्रथम पाठशाळा से ही वहयह सीखता रहता है कि कैसे वह स्वयं को अधिक प्रभाव शाली एवं कार्य क्षम सिद.... और पढ़े