आदमी अपने से अधिक दूसरों की समस्या से परेशान है
भगवद्गीता पुत्र स्त्री धन और घर में आसक्ति का अभाव,ममता न होना तथा प्रिय और अप्रिय की प्राप्ति में सदा ही चित्त का सम रहना और विषयासक्त लोगो में प्रेम न होना ये सब ही.... और पढ़े
भगवद्गीता पुत्र स्त्री धन और घर में आसक्ति का अभाव,ममता न होना तथा प्रिय और अप्रिय की प्राप्ति में सदा ही चित्त का सम रहना और विषयासक्त लोगो में प्रेम न होना ये सब ही.... और पढ़े
मनुष्य स्वभाव से गलतियों का पुतला रहा है जीवन बार बार गलतिया करता है दुःख पाता है और फिर चल देता है अपने अनजान गंतव्य की और यहाँ यह महत्वपूर्ण है कि वह चलता रहता है यातना .... और पढ़े
दूसरों के व्यवहार का प्रतिउत्तर देने में हम अपने व्यवहार में जरा सी भी देरी नहीं करते और हर व्यवहार में हमारी यह कोशिश बनी रहती है कि हम स्वयं कोश्रेष्ठ सिद्ध करते हुए.... और पढ़े
समय का चक्र बहुत तेजी से चलता रहता है अतीत के परिदृश्य धीरे धीरे गुजरते रहते है कल आज और कल में बदलता जाता है बहुत कुछ था कल या बहुत कुछ नहीं था , ये तो सब दुःख का विषय ही था न .... और पढ़े
मनुष्य का सम्पूर्ण में जीवन बड़ा ही विचित्र सयोग बनाता रहता है वह चिरंतन शान्ति की खोज में व्यस्त रहता है बार बार प्रयास दर प्रयास करता हुआ शान्ति उत्पन्न कर पाता .... और पढ़े
हमीं सब क्या सभी मैं कुछ कमीं है , न धरती देवताओं से थमीं है गगन आंसूं न पोछेंगा तुम्हारे , सहारा आदमी का आदमी है आदमी गलतियों का पुतला है और उसे गलतियां करने का .... और पढ़े
भारतीय धर्म में महाशिव को महांकाल कहा गया है शिव और शक्ति का प्रणय विछोह और सम्पूर्ण जगत को एक नई परिभाषा देने के लिए जो लीलाएं की गई वो आम आदमी को यह शिक्षा अवश्य देत.... और पढ़े
टीम वर्क आधुनिक मेनेजमेंट का आधार भूत स्लोगन है और यह माना जाता है कि उसके बगैर कोई श्रेष्ठ मैनेजर नहीं बन सकता , वैज्ञानिक प्रबंध में टेलर , फियोल सब ने माना कि ए.... और पढ़े
सम्पूर्ण जीवन आदमी का यह प्रयास रहता है की वह पूर्ण शांति और संसाधनो की बहुतायत में अति विलासी जीवन का उपभोग करे ,उसके पास असीम संपत्ति , शक्ति , प्रभुत्व , यश और अनुयायी समाज.... और पढ़े
भारतीय दर्शन में स्वयं का विकास सबसे बड़ी चिनौती माना गया है और हर इंसान जीवन में उन ऊंचाइयों तक पहुँचाना ही चाहता है ,जबकि सब मे वही शक्ति ,सोच और पाने की ललक बनी रहती है ,प.... और पढ़े