चिंतन करें कार्यों से पहले क्रिया की प्रतिक्रिया तय है
इंसान हर कार्य अपने अनुसार करना चाहता है जबकि हर बात ,कार्य ऑर क्रियान्वयन का उसे जबाब देना होता है उसके जीवन चक्र पर इन सबक्रियाओ का पर्याप्त एवं कई गुना प्रभाव पड़ता ह.... और पढ़े
इंसान हर कार्य अपने अनुसार करना चाहता है जबकि हर बात ,कार्य ऑर क्रियान्वयन का उसे जबाब देना होता है उसके जीवन चक्र पर इन सबक्रियाओ का पर्याप्त एवं कई गुना प्रभाव पड़ता ह.... और पढ़े
आदमी इश्वर की श्रेष्ठ कृति है उसे स्वयं को बार बार सिद्ध करना होता है यह जानते हुए की उसकी तमाम शक्तियां इश्वर के सामने या प्रकृति के सामने बहुत छोटी है समय ,उम्र ,अवस्.... और पढ़े
जीवन के सामने जो ज्वलंत प्रश्न खड़े होते रहते है उनके सकारात्मक उत्तर खोजने की चेष्टा करें जीवन सत्य का रूप था तो इतनी जटिलताएं क्यों लक्ष्य यदि तय है तो भटकन कैसी ? .... और पढ़े
हमारा सारा जीवन इस उधेड़ बुन में निकल जाता है की हमें क्या अच्छा लगता है हमें शरीर, स्तर ,और सामाजिकपारिवारिक आवश्यकताएं जैसे ही महसूस होती है हम उनकी प्राप्ति के प्रयत्न म.... और पढ़े
चाँद तारे आसमानों की तरह हैं जरूरी आप ऐसा मानिए सब मिलेगा आप तो कोशिश करे वक्त को अपना करीबी जानिए जिंदगी आसान सी हो जायेगी जीत के जज्वात अपने मानिए वो ख.... और पढ़े
हम सामान्य जीवन में केवल अपने अतीत को कोसते और अपनी कमियों का रोना रोते रोते अकर्मण्य बने रहनाचाहते है ,ऐसे में हम एक भीरु भावना से धर्म का अँधा अनुकरण करने को भी तैयार हो ज.... और पढ़े
जीवन तो दर्द यातनाओं और समस्याओं का नाम है ,दुनिया में सबका अतीत बहुत से दर्दों समस्याओं का मायने होसकता है ,सबको अपना दर्द सबसे बड़ा दिखाई देता है ,मगर समय यह जानता है कि हर आ.... और पढ़े
तेजी से भागता युग है यह ,यहाँ हर आदमी बहुत जल्दी में है उसके अपने स्वार्थ है ,अपने काम है ,और अपनी एकस्थिर और अपरवर्तनीय सोच है ,उसे हमेशा यह भ्रम रहता है की वह शायद सबसे श्रेष.... और पढ़े
आम आदमी की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि वह अपने अनुसार किसी भी परचित , सम्बन्धी का आकलन कर ही नहीं पाता ,उसे अपने नजदीकी लोगों की राय कि आवश्यकता होती है ,फिर वह मन ही मन तय करता .... और पढ़े
जीवन में हर उत्सव एक नयी आशा संचार के साथ आते है और हम भारतीय सभ्यता के हिसाब से उन्हें पूरी तरहसे निभाते भी है | सनातन की इस परम्परा से असंख्यों मत ,विश्वास ,और आदर्श खड़े हुए .... और पढ़े