गलतियाँ ओर सॉरी
आदमी क्या करे खता के सिवा लोग नाहक खुदा से डरते है जीवन में हर कदम पर हम अपने को गलत पते रहते है मन का अहम् हमे अपनी गलतियाँ स्वीकार नही करने देता वह हमें एक बनावटी परिव.... और पढ़े
आदमी क्या करे खता के सिवा लोग नाहक खुदा से डरते है जीवन में हर कदम पर हम अपने को गलत पते रहते है मन का अहम् हमे अपनी गलतियाँ स्वीकार नही करने देता वह हमें एक बनावटी परिव.... और पढ़े
हम सब अपने ही बुने जालों में फसे समय का इन्तजार कर रहे है ,हर आदमी व्यस्त है उसपर आपके लिए सोचने ओर दुःख मनाने का समय कहाँ है , वह तो अपने ही फेकें पांसो से खेल रहा है , सच न्याय .... और पढ़े
शुभ कर्म करता तो स्वयं तर जाए अपने कर्म से ज्ञानी तरे निज ज्ञान से धर्मात्मा निज धर्म से जिसके न कुछ आधार हो कुल दृव्य विद्या बल न हो तेरे सकल बेकल सकल कल प्रान्त में.... और पढ़े
कभी होता भरोसा कभी होता भरम ऐ खुदा तू है कि नहीं अनादी काल से मनुष्य की सोच रही है कि वह सर्वशक्तिमान की शक्तियों से अविभूत रहे उसकी सारी समस्याएं ,कमिंयां और अपूर्णताएँ .... और पढ़े
अबला जीवन हाय तेरी यही कहानी आँचल में है दूध ओर आँखों में पानी मर्दों का समाज है ये यहाँ केवल शक्ति ओर मर्दानगी के गीत गाता हुआ बहुल समाज है जों यही जानता रहा है किऔरत .... और पढ़े
मै आपके बिना जी नहीं सकता जीवन की सारी खुशिया आपसे है आप मेरे लिए भगवान् हो मेरी ख़ुशी जान ओर सारा जहाँ हो आप दुनियां की सारी खुशियाँ है आपसे ओर बहुत सी बा.... और पढ़े
जीवन भर आदमी के सामने यही प्रश्न रहता की वह सभी विषय स्थितियों में से श्रेष्ठ का चयन करे ,आरम्भ से ही उसके सामने यह सवाल खड़ा होता है कि वह अपनी अच्छी लगने वाली चीजों को देखे प.... और पढ़े
आज युवा समाज दो भागों में विभक्त है एक तो वो जों समाज के साथ अपनी रूढ़िवादी सोच , पुराने संस्कार ओर जीवन के मूल उद्देश्य के लिए संघर्ष रत है दूसरी ओर वो जों तथा कथित आधुनिक है.... और पढ़े
हम जिस युग में जी रहे है वहां केवल जीवन कि तीव्र गति विद्यमान है |आदमी का सम्पूर्ण चिंतन इस बात से जुडारहता है कि कैसे भी वह स्वयं की आपूर्तियों सम्मान स्तर ओर आत्म स्वाभिमा.... और पढ़े