post image

शक्ति ,ज्ञान ,और संतोष अनेक कामनाएं है पूर्णता के लिए

हमसब एक शक्ति शाली प्रकृति और ब्रह्माण्ड के अंश है और हमारी उत्पत्ति ,विकास और गति शीलता उस अपरमित शक्तिशाली तत्व का ही क्रियान्वयन है | सामान्यतः हम जब भी अपना आकलन और कल्.... और पढ़े

Viewed By : 205
post image

सफलता एवं जीवन को जीतने का एक मार्ग

एक शिष्य ने गुरु से प्रश्न किया कि देव मैं  जानना चाहता हूँ कि जीवन की सफलता का क्या राज है और  कैसे आदमी जीवन को जीत सकता है गुरु ने उत्तर दिया पुत्र आप प्रातः बेला में मु.... और पढ़े

Viewed By : 205
post image

किससे है शिकायत यहाँ चहरे नकाब में है

आदमी सामाजिक प्राणी है और  बड़े से बडे समाज बनाकर वह  अपने आपको बहुत बड़ा मान बैठता है और जिनके साथ समाज दोस्त और बड़े समूह नहीं होते वो अपने को हीन  मान बैठते है और तमाम.... और पढ़े

Viewed By : 196
post image

भीड़ सा निर्मूल्य मत बनाओ जीवन को

कब तक महा पुरुषों के पद चिन्हों पर चलने का प्रयत्न किया जाए कब तक समय परिवर्तन और आधुनिकता के लिए  समय के साथ भागने का प्रयत्न करें ,शायद हमारी मौलिकता ख़त्म हो चुकी है हम .... और पढ़े

Viewed By : 211
post image

सफलता से पहले कुछ नहीं बढ़े चलो

हर हाल में सफलताएं आपकी है और जितना बड़ा  लक्ष्य लेकर हम चलेंगे उतनी ही अधिक समस्याएं आएंगी हमारे सामने ,क्योकि  समस्याएं केवल उनके सामने आती है जिन्हें वे वीर और अतुलन.... और पढ़े

Viewed By : 207
post image

मित्रता--उन्नति या अवनति --बसि कुसंग चाहत कुशल

बसि कुसंग चाहत कुशल रहिमन यह अफ़सोस मान घट्यो समुद्र को जो रावण बसा पड़ोस  आज हम विकास कि दौड़ में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे है और हम पर समय बहुत कम है बहुत सारा सोचने .... और पढ़े

Viewed By : 243
post image

क्षमा क्रोध से सशक्त हथियार है

आम आदमी के स्वाभाव में जरा जरा सी बात में क्रोधित हो जाना  एक स्वाभाविक सी प्रक्रिया है  आज हम दैनिक जीवन में जिन परिस्थितियों से जूझ रहे है  वहाँ  अपने व्यक्तित्व कि .... और पढ़े

Viewed By : 245
post image

दूसरों की समस्याओं में सहायता करे ,मजाक न उडाये

समर शेष हैं नहीं पाप का भागी केवल व्याध जो तटस्थ है समय लिखेगा उसका भी अपराध जीवन संग्राम है और यहाँ हर सम्बन्ध और परिस्थितियां आपको यही समझाती है की मानवीय मूल्यों क.... और पढ़े

Viewed By : 204
post image

प्रेम सत्य और उसका स्वरुप

प्रेम अनादि काल से इंसान के मष्तिष्क में यह प्रश्न उठता रहा की वह कोंन ही विषय स्थिति है जो मानवीय अस्तित्व को अमर और शाश्वत बनाए रखती है |जन्म के समय से ही उसने अपने आस प.... और पढ़े

Viewed By : 345